जज बनकर पूरा किया पिता का सपना
छपरा। लगभग 17 साल पहले का वाकिया…एक छोटा बच्चा अपने चपरासी पिता की अंगुली पकड़कर सिविल न्यायाधीश के कोर्ट रूम में पहुंचा। जज के आते ही सन्नाटा छा गया। वहां सभी बैठे वकील व पक्षकार अदब के साथ खड़े हो गए। चपरासी पिता मासूम बेटे के कान में फुसफुसाए…बेटा उहे हाकिम बारन। बस बेटे ने भी मन ही मन पिता से कौल किया…हां बाबूजी हमहूं भी हाकिम बनब।
छपरा जिले में एक चपरासी पिता ने सपना देखा कि उसका बेटा भी जज बने और लोग उसके सम्मान में खड़े हों। बेटे ने बचपन में ही पिता का सपना बड़ा होकर पूरा करने की ठान ली और सपना सच भी कर दिखाया। पुत्र की उपलब्धि को देखने के लिए आज पिता तो दुनिया में नहीं है लेकिन बेटे प्रदीप कुमार कुशवाहा ने अपनी कड़ी मेहनत से इस लक्ष्य को पा अपने पिता के सपने को साकार कर दिया है।
भेल्दी थाना क्षेत्र के मुरली सिरिसिया निवासी प्रदीप कुमार कुशवाहा ने त्रिपुरा जूडिसियल सर्विस सिविल जज में तीसरा रैंक प्राप्त कर पिता का नाम रोशन किया है। उनकी उपलब्धि से न केवल सिविल कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारी व कर्मचारी खुश हैं बल्कि उसके गांव में भी जश्न का माहौल है। पांच भाइयों में चौथे नंबर पर रहे प्रदीप ने पिता की मृत्यु के बाद कठिन परिश्रम कर इस मुकाम तक पहुंचा है।
उनके परिजन बताते हैं कि पिता की मौत के बाद परिस्थितियां काफी प्रतिकूल हो गई थीं लेकिन प्रदीप ने हिम्मत नहीं हारी। गांव से प्राथमिक और मैट्रिकुलेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद बीएचयू से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ किया। वह अपनी सफलता का श्रेय पिता, माता सुशीला देवी और भाइयों को देते हैं।
एक भाई शिक्षक हैं वहीं उससे बड़ा रंजीत कुशवाहा सिविल कोर्ट छपरा में अनुकंपा पर अनुसेवी के पद पर कार्यरत है। छोटा भाई सुकेश पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता है। त्रिपुरा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजिलेंस द्वारा 24 नवंबर को ही फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया है।