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चीन ने अब WhatsApp पर भी लगाई रोक, फेसबुक पहले से है बैन


नई दिल्ली। दुनिया में लोग भले ही व्हाट्सएप के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन में लोगों को व्हाट्सएप के बिना ही रहना होगा। चीन सरकार ने अब अपने देश में व्हाट्सएप पर भी रोक लगा दी है। यह पहला मौका नहीं है जब चीनी सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया हो। वहां कई सोशल साइट पहले से बैन हैं।

 


दरअसल चीनी सरकार स्वदेशी प्लेटफार्म को बढ़ावा के लिए प्रयासरत है। भारत में भले ही लोग स्वदेशी का नारे लगाने के बावजूद खुद चीनी उत्पाद खरीदते हों लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। वहां लोग स्वदेशी की अवधारणा को राष्ट्रवाद से जोड़कर देखते हैं।

हालांकि वहां व्हाट्सएप सर्विस में परेशानी आने पर उसे पूरी तरह बैन किया गया है। पिछले कुछ समय से वहां यूजर्स को परेशानी हो रही थी। वे वीडियो चैट करने और तस्वीरें भेजने जैसी परेशानियों का सामना कर रहे थे। इस पर व्हॉट्स एप पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

ये पहले से हैं बैन

गूगल
दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल चीन में पहले से प्रतिबंधित है। इसके साथ ही गूगल से जुड़ी साइट्स जैसे जी-मेल (Gmail), पिकासा, गूगल मैप्स सभी ब्लॉक हैं।

 

फेसबुक
चीन के लोगों को फेसबुक देखे अरसा बीत चुका है। चीन ने जुलाई 2009 में ही फेसबुक को ब्लॉक कर दिया था।

 

ट्विटर

चीन में ट्विटर भी ब्लॉक है। वहां ट्विटर को यहां जून 2009 को ब्लॉक किया गया था। हालांकि ट्विटर को बैन किए जाने के बाद भी वहां लगभग 10 लाख यूजर्स VPN के जरिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

पिंटरेस्ट

काफी समय तक चीन में पिंटरेस्ट का इस्तेमाल किया गया लेकिन इसी साल मार्च में इसे भी ब्लॉक कर दिया गया।

स्नैपचैट

चीन में स्नैपचैट भी बन्द है। वेस्टर्न कंपनियों को बैन करने के चलते चीनी कंपनियों को अपने नेटवर्क विकसित करने का पूरा समय मिल मिला। चीन में माइक्रोब्लॉगिंग सर्विस वीबो काफी फेमस है।

इंस्टाग्राम

फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम भी चीन में बैन है। इस मोबाइल ऐप को चीनी सरकार ने 19 सितम्बर 2014 को बैन किया था।

ई-बुक और वीडियो

डिजनीलाइफ को चीनी सरकार ने इस साल अप्रैल में बैन कर दिया था। अप्रैल 2016 में चीन में आईबुक स्टोर को बैन कर दिया गया था।

कई वेबसाइट्स भी बैन

बीजिंग में कई वेबसाइट्स को भी ब्लॉक किया गया है जिनमें पॉर्नोग्राफी से जुड़ी वेबसाइट्स भी शामिल हैं। इतना ही नहीं यहां लोगों का इस तरह की वेबसाइट पर जाना भी बैन है जो कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना करती हो या जो मानवाधिकार जैसे संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी हो।

कसीनो

चीन में जुए को साल 1949 में गैर कानूनी घोषित कर दिया गया। हालांकि वहां चोरी छिपे कसीनो चलते हैं। मकाऊ तो कसीनो के लिए दुनियाभर में बदनाम है।
विदेशी फिल्में

चीन में एक साल में थियेटरों में केवल 34 फिल्में ही दिखाई जा सकती हैं। इन फिल्मों को भी सेंसर करने के बाद रिलीज किया जाता है। अगर कॉम्यूनिस्ट पार्टी को फिल्म में कुछ भी भड़काऊ लगता है तो वो उस सीन पर कट लगा सकती है।

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