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कब्र में से आ रही थी आवाजें, परिजन ने खोली तो सामने आई चौकाने वाली वजह

नई दिल्ली। डॉक्टरों की लापरवाही के केस केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि विकसित देशों में भी सामने आते रहे हैं। ताजा मामला ब्राजील का है जहां एक महिला को मृत करार देकर दफना दिया गया। असल में वह जिंदा थी। उसने जब कब्र से बाहर निकलने के लिए हाथ-पैर मारे तो इसका खुलासा हुआ। हालांकि जब तक उसे बाहर निकाला गया, तब तक वह दम तोड़ चुकी थी।

 

पिछले दिनों 37 वर्षीय रॉसएंजेला अल्मीडा को थकावट की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक हफ्ते भर्ती रहने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया और शव को परिवार को सौंप दिया। डेथ सर्टिफिकेट के मुताबिक उसे पहले दिल का दौरा पड़ा और बाद में सेप्टिक शॉक की वजह से 28 जनवरी 2018 को मौत हो गई। परिवार ने उन्हें अगले दिन उसे कब्रिस्तान में ले जाकर कब्र में दफन कर दिया। 9 फरवरी 2018 को कब्रिस्तान के आस पास रहने वालों को कब्र से आने वाली आवाज ने हैरत में डाल दिया। लोगों ने तुरंत अल्मीडा के परिवार को जानकारी दी। आनन फानन में वे लोग एम्बुलेंस लेकर वहां पहुंचे। कब्र खोली और उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे फिर मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि एक-दो रोज पहले अल्मीडा को होश आया था। उसने कब्र से निकलने की पूरी कोशिश की। ताबूत को जब ध्यान से देखा गया तो अल्मीडा के संघर्ष की कहानी साफ नजर आ रही थी। ताबूत की दिवारों पर नाखून के निशान के साथ फर्श पर खून फैला हुआ था। अल्मीडा ने अंतिम सांस तक मौत से संघर्ष करती रही। बाद में दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

अल्मीडा के परिवार ने इसे ईश्वर की इच्छा मानकर डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत देने से इनकार कर दिया है। कब्रिस्तान के पास रहने वाले एक शख्स का कहना है कि उन्हें कब्र के पास खेल रहे बच्चों ने बताया कि कुछ आवाज आ रही है। पहले तो उसने मजाक समझा। लेकिन बाद में वह कब्र के पास गया तो आवाज सुनकर चौंक गया। लेकिन जब कब्र खोली तो अल्मीडा की सांसें टूट चुकी थी।

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