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पोकरण फायरिंग रेंज में सुपरसोनिक ब्रह्मोस का सफल परीक्षण

jodhpur
जोधपुर। राजस्थान की पोकरण फायरिंग रेंज शनिवार को एक बार फिर दुनियाभर की नजर में आ गई। यहां भारत ने सुबह सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। भारत-रूस के साझा उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस की ओर से विकसित दुनिया की सबसे तेज सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल अपने परीक्षण में खरी उतरी।

इसने अपने लक्ष्य को एकदम सटीकता के साथ साधा। परीक्षण के दौरान इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिकों व तकनीकी विशेषज्ञों के साथ ही सेना के उच्चाधिकारी उपस्थित थे। इसी फायरिंग रेंज में इन दिनों भारतीय सेना का बड़ा युद्धाभ्यास भी चल रहा है।
290 किलोमीटर दूरी तक मार
सैन्य सूत्रों का कहना है कि तीन सौ किलोग्राम वजन के हथियार ले जाने में सक्षम यह मिसाइल 290 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। इसे मोबाइल कैरियर से भी लांच किया जा सकता है। आज का परीक्षण इसी श्रेणी की मिसाइल का था। पोकरण में इस मिसाइल के पूर्व में भी कई परीक्षण किए जा चुके है।

ध्वनि से भी तीन गुना ज्यादा तेज रफ्तार के कारण इसे दुनिया की सबसे तेज मिसाइल माना जाता है। पूर्व में विकसित मिसाइल में कुछ सुधार किए गए है। इसकी क्षमता को बढ़ाया गया है। इसके नए वर्जन का आज परीक्षण किया गया। सैन्य सूत्रों ने फिलहाल इससे अधिक जानकारी देने से इनकार किया है।
समुद्र से दागो चाहे सतह से
स्वदेशी तकनीक से विकसित इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे समुद्र और सतह के साथ ही हवा से भी दागा जा सकता है। भारतीय सेना इस मिसाइल को अपने सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान सुखोई-30 में भी लगाने जा रही है। इसके लिए सुखाई में कुछ बदलाव किए गए है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल के कारण भारतीय सेना की ताकत काफी बढ़ गई है।
ब्रह्मोस की विशेषताएं
-यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
-इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है।
-यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है।
-यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।
-रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असम्भव है।
-ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।
-यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।

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