मन्दसौर। यहां अखिल भारतीय वाल्मीकि समुदाय के सम्मेलन में बुधवार को तब हंगामा हो गया जब मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने अपने भाषण में महर्षि वाल्मीकि को डाकू बता दिया।
चिटनिस के भाषण के दौरान ही वाल्मीकि समुदाय के लोग उनका विरोध करने लगे और उनकी ओर से वाल्मीकि जी को डकैत कहे जाने को अपमान के तौर पर लिया। इस भाषण से वाल्मीकि समुदाय के लोग काफी उग्र हो गए। नतीजतन मंत्री को सभा से माफी मांगनी पड़ी। इसके बावजूद मामला शांत नहीं हुआ। लोगों ने मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया।
टिप्पणी के विरोध में वाल्मीकि समाज के लोगों व कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालकर मंत्री का पुतला दहन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सदर स्थित कजलीवन मैदान से जुलूस निकाला जो सदर बाजार, शास्त्री चौक से होता हुआ कबूला पुल से केण्ट अस्पताल होकर वापस झांसी बस स्टेण्ड पहुंचा। यहां कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मंत्री अर्चना चिटनीस का पुतला जलाकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
यह दी सफाई
पूरे मामले पर मंत्री चिटनीस ने सफाई दी और कहा, “मैं तो केवल उस इतिहास को दुरुस्त करने की बात कर रही थी जो ब्रिटिश काल में लिखा गया था। मैं तो वाल्मीकि जी की महानता और एकता के बारे में बता रही थी, लेकिन अगर मेरे एक घंटे के भाषण के दौरान शब्दों से किसी को ठेस पहुंची हो तो इसके लिए माफी मांगती हूं।”