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मासूम बिटिया को बचाने की कोशिश में डॉक्टर पिता तीसरी मंजिल से गिरा

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भोपाल। राजधानी के मिसरोद क्षेत्र में एक तीन साल की बच्‍ची कमरे के अंदर बंद हो गई जिसे बचाने गए उसके पिता डॉ. अखिलेश की तीसरी मंजिल से गिरने पर मौत हो गई। 38 वर्षीय डॉ. अखिलेश भोपाल के नेशनल अस्‍पताल में डॅाक्‍टर थे| वे एक सफल चाइल्‍ड स्‍पेशलिस्‍ट भी थे।

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डॉक्टर की तीन साल की बेटी ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया था। उसे बालकनी से बाहर निकालने गये डॉ. अखिलेश तीसरी मंजिल से नीचे जमीन पर गिर गए| उनकी मौके पर मौत हो गई।

डॉ. अखिलेश मिश्रा पन्‍ना के रहने वाले थे| वे नेशनल अस्‍पताल में पदस्‍थ थे। डॉक्टर अपनी पत्नी, दो साल के बेटे और तीन साल बेटी के साथ जाटखेड़ी स्थित रूची लाइफ में रहते थे। उनकी तीन साल के बेटी शानवी घर के ड्रांइग रूम में बैठकर टीवी देख रही थी। इसके बाद वह अपने कमरे में गई और अंदर से बंद करके सो गई।

रात करीब दो बजे डॉ. अखिलेश अस्पताल से घर पहुंचे| उन्होंने पत्नी से बच्चों के बारे में पूछा। पत्नी ने बेटे को अपने साथ और शानवी के कमरे में सोने की बात कही।

जब अखिलेश को पता लगा कि शानवी देर शाम से अपने कमरे में सो रही है, उन्होंने कमरे में जाकर उसे देखना चाहा, तब उन्हें पता लगा कि कमरा भीतर से बंद है। उन्होंने बेटी को पुकारते हुए आवाज दी। बताया गया है कि शानवी तो उठ गई लेकिन उससे दरवाजे का लॉक नहीं खुल रहा था। जिसके चलते वह रोने लगी|

उधर, अनहोनी की आशंका के चलते डॉ. अखिलेश घबरा गए। उन्होंने बालकनी के रास्ते से बेटी को बाहर निकालने की बात सोची।

अखिलेश ने फ्लैट की बालकनी की ग्रिल से बच्ची के कमरे की खिड़की पर एक चादर को मजबूती से बांध दिया। इसके बाद चादर से लटककर बेटी के कमरे की खिड़की पर जाने की कोशिश करने लगे।

चादर पर लटकते ही उनकी पकड़ ढीली होने लगी और अचानक हाथ फिसलने से वह तीसरी मंजिल से नीचे जमीन पर जा गिरे जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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