भोपाल। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। वहीं मप्र में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश से प्रदेशभर में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। नदी-नाले उफान पर होने से यातायात भी पूरी तरह चरमरा गया है। राजधानी भोपाल में चौबीस घंटे से रही बारिश से नगर निगम के नालों में हुई सफाई अभियान की भी पोल खुल गई, मात्र तीन दिन की बारिश ने ही स्पार्ट सिटी के दावों की हकीकत समाने आ गई।
हालात यह है कि कई इलाकों में पांच से दस फिर पानी भर गया है और कई मकान, झुग्गी बह गई हैं। लोगों ने रात छतों पर खड़े होकर गुजारी। निचली बस्ती में भरे पानी से खाने-पीने का सामन भी बर्बाद हो गया है।
वहीं स्थिति इतनी भयावह है कि लोगों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से हर तरह प्रयास किए जा रहे हैं । सडक़ों से लेकर गली-मोहल्लों तक में पानी भरा हुआ है। जिसकी वजह से लोग खाने-पीने की चीजों के लिए परेशान हो रहे हैं। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है।
सागर, छतपुर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, टीकमगढ़, नरङ्क्षसहपुर, जिले की सभी नदियां उफान हैं जिससे हालात गंभीर बने हुए हैं, यहां प्रशासन ने चौबीस घंटे हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जहां ज्यादा जरूरत है वहां सेना को भी रहत कार्य में लगाया है।
भोपाल शहर का माहौल नदी जैसा दिख रहा है। जिसने नगर निगम की ढीले रवैये की पोल खोल दी है। शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा है। प्रशासन ने शहर में आपात की घोषणा की है और स्थिति से निपटने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सर्तक रहने के लिए कहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद मुहैया कराई जा सके।