कोलकाता। गुरुदेव रवींद्रनाथ टेगौर की रचना ‘घरे बायरे’ पर तीन दशक पहले सत्यजीत रे ने फिल्म बनाई थी। अब युवा फिल्मकार रीमा मुखर्जी उनके इस प्रसिद्ध उपन्यास से प्रेरित हिन्दी फिल्म बना रही हैं। टैगोर का यह उपन्यास 1916 में लिखा गया था जो स्वदेशी आंदोलन पर केन्द्रित है। इससे प्रेरित होकर रीमा ने ‘अद्र्धांगिनी एक अद्र्धसत्य’ बनाई है। मुंबई आधारित लेखिका निर्देशिका ने बताया कि उन्होंने इस फिल्म में उन सवालों के जवाब हासिल करने की कोशिश की है जो टैगोर का उपन्यास पढऩे के दौरान उनके मन में आए थे। फिल्म में तीन महशूर किरदारों संदीप, निखिलेश और बिमला- को क्रमश सुब्रत दत्ता, सुबोध भाबे और श्रीलेखा मित्रा ने निभाया है।
उन्होंने कहा कि मेरा मकसद दो क्षेत्रीय सिनेमाओं मराठी और बंगाली की संवेनाओं को कलाकारों के माध्यम से मिलाने की है। यह फिल्म एक जुलाई को रिलीज होगी।
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