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कुम्भ में हाथी-घोड़ों पर पाबंदी से साधू-सन्त उखड़े, यह दी चेतावनी

प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारियों में जुटी योगी सरकार का विरोध शुरू हो गया है। योगी सरकार ने कुंभ मेले में हाथी-घोड़ों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद संतों में नाराजगी का माहौल व्याप्त है।

उनका कहना है कि यह परंपरा से खिलवाड़ है। नाराज संतों ने सवाल उठाया है कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए सरकारी संसाधन मुहैया कराने वाली योगी सरकार को आखिर सनातन धर्मियों के कुंभ में ही जानवरों पर अत्याचार की फिक्र क्यों हो रही है?

अखाड़ों के पदाधिकारियों के साथ होने वाली को-आर्डिनेशन बैठक में मेला प्रशासन ने वन्य जीव क्रूरता अधिनियम का हवाला देकर हाथी और घोड़ों के इस्तेमाल पर रोक का फरमान सुनाया गया।

अफसरों ने दलील दी कि जुलूसों में हाथी व घोड़ों पर अत्याचार होता है और यह कानून के खिलाफ है। नए नियमों के तहत जुलूसों में इन्हें शामिल किए जाने पर पाबंदी है। इस फरमान को सुनने के बाद वहां मौजूद संत आक्रोशित हो गए। संतों ने हाथी-घोड़ों को सनातनी वैभव का प्रतीक करार देते हुए इसे परंपरा से जुड़ा हुआ बताया।

वहीं अफसरों ने भीड़ के दौरान भगदड़ मचने और पांटून पुलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई। फिलहाल मेला प्रशासन साधू-संतों के विरोध के बाद बीच का कोई रास्ता निकालने की बात कहकर हाथी-घोड़ों पर रोक से उठे विवाद को ठंडा करने की कोशिशों को जुट गया है।

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