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मृतक की पत्नी बनने को लेकर दो बहनों में छिड़ी जंग, आठ गांवों के लोग परेशान

आजमगढ़। जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। आजमगढ़ में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद दो दो सगी बहनों के बीच मृतक की पत्नी बनने को लेकर जंग छिड़ गई है। मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा चल रही है।
इस मामले में बीते 3 दिनों से पंचायत चल रही है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। मृतक की असली पत्नी को तलाशने के लिए आठ गांव के प्रधान एडीओ पंचायत और दो सेक्रेटरी को लगाया गया है।
दरअसल, पूरा मामला आजमगढ़ जनपद के तहबरपुर ब्लाक के एक गांव का है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गांव के रहने वाले व्यक्ति की शादी पहले एक युवती के साथ हुई थी और शादी के बाद कई साल बीत जाने के बाद उसे कोई संतान नहीं हुई।

संतान ना हो पाने के चलते वह व्यक्ति काफी परेशान हो गया और उसके बाद अपनी साली अर्थात अपने पति की छोटी बहन को वह अपने घर लेकर आया और फिर पति-पत्नी की तरह दोनों रहने लगे।

बताया जा रहा है कि अपनी पत्नी की छोटी बहन को लेकर वह महाराष्ट्र चला गया और वहां पुणे में ही उसके साथ रहता था। इस दौरान दोनों को एक पुत्र भी हुआ लेकिन डेढ़ साल पहले उस व्यक्ति की मौत हो गई।

मौत हो जाने के बाद उसके साथ रह रही दूसरी पत्नी भी गांव चली गई। गांव आने के बाद उसे पता चला कि उसके पति के छोटे भाई उसके पति की पूरी संपत्ति पहली पत्नी अर्थात उसकी बड़ी बहन के नाम करवाना चाहते हैं।

इसके बाद संपत्ति को लेकर दोनों सभी भागों में विवाद हो गया और विवाद के बाद मृतक का छोटा भाई पहली पत्नी को लेकर हाईकोर्ट में केस कर दिया। केस करने के बाद हाई कोर्ट द्वारा जिला प्रशासन को इस मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया।

बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने एक माह के अंदर इस मामले को निस्तारित कराने का निर्देश दिया है। ऐसे में 8 गांव के ग्राम प्रधानों और तहबरपुर ब्लाक के एडीओ पंचायत तथा दो सेक्रेटरी की एक टीम बनाई गई।

पिछले 3 दिन से गांव में खुली बैठक करवाने के बाद दोनों की बातों को सुना गया। दोनों की बात सुनी जाने के बाद भी बनाई गई टीम अभी तक कोई निर्णय नहीं कर पाई है। वहीं इस मामले को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चा चल रही है।

फिलहाल बनाई गई टीम में शामिल अधिकारियों का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है और निर्धारित रहने का प्रयास किया जा रहा है। यदि मामले का निस्तारण नहीं होता है तो रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दी जाएगी।

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