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पेट्रोल-डीजल बेचने वाले भी सरकार से परेशान, यह बताई समस्याएं

सन्तोष खाचरियावास

अजमेर। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स ऐशोसिएशन की अजमेर ईकाई की ओर से पेट्रोल पंप डीलर्स के समक्ष आ रही परेशानियों के निराकरण बाबत पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के नाम कलेक्टर के जरिए ज्ञापन भेजा गया है। शुक्रवार को जिलेभर से आए पंप डीलर्स ने अतिरिक्त् कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि 2017 के बाद से आज तक अर्थात 5 साल से डीलर मार्जिन में किसी प्रकार कोई वृद्धि नहीं की गई है। जबकि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बिना मांगे ही स्वतः ही निरंतर वृद्धि कर रही है। पेट्रोल पंप डीलर्स भी देश के आम नागरिक है और बढती महंगाई का असर उन पर भी होता है।

यदि हम पेट्रोल-ंडीजल के मूल्यों का अध्ययन करें तो 2017 की तुलना में आज पेट्रोल डीजल के मूल्य दुगने हो गए हैं तथा बिजली के बिल, कर्मचारियों के वेतन, व्यापार की लागत पूंजी, आदि पेट्रोल पंप से संबंधित सभी खर्चों की राशि महंगाई के कारण बहुत अधिक हो गई है। इस प्रकार सभी प्रकार के व्यय अधिक होने के कारण डीलर्स की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गई है, ऐसे में व्यापार संचालन में बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उस पर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अचानक पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में कटौती करने से डीलर्स को लाखों रूपए का नुकसान और हो गया हैं, जिसने डीलर्स की कमर तोड़ कर रख दी है। क्योंकि आयल कंपनी स्तर पर तो पेट्रोल-डीजल में घटत-बढत तो पैसों में धीरे-धीरे की जाती है उसको तो डीलर्स किसी प्रकार सहन कर लेता है। लेकिन एकदम से कम करने से डीलर्स को बहुत भारी नुकसान होता है।

केन्द्र व राज्य सरकार ने दिपावली पर 6.35 एवं 12.67 एक्साइज व 4.04 एवं 5.01 रूपए वेट और अभी हाल ही 21 मई 2022 को 9.55 एवं 7.20 रूपए एक्साइज में कम किए हैं। इस कारण सभी प्रकार से हताश होने के बाद सरकार का ध्यान डीलर्स की समस्याओं की ओर आकर्पित करने के लिए 31 मई को सभी राज्यों में नो परचेज एवं रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक अर्थात 3 घण्टे सभी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री बन्द रखने का निर्णय लिया है।

पेट्रोल पंप डीलर्स की मुख्य मांगे

डीलर मार्जीन में तत्काल प्रभाव से वृद्धि की जाए क्योंकि सन् 2017 के बाद आज तक डीलर मार्जिन में वृद्धि नहीं की गई हैं। जबकि पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य साल 2017 की तुलना में दुगने हो गए हैं। जिससे पेट्रोलियम व्यवसाय की लागत अत्यधिक बढ गई है।

समस्त राज्यों अर्थात राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के समान मूल्य होने चाहिए। राजस्थान के मूल्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में 5 से 10 रूपए अधिक हैं। इस कारण प्रदेश की लगभग 30 प्रतिशत बिक्री पड़ोसी राज्य कर रहे हैं। जिससे राज्य सरकार को तो करोड़ों रूपए के राजस्व की हानि हो रही है व साथ ही प्रदेश के सीमावृति जिलों में स्थित लगभग 2200 पेट्रोल पंप भारी नुकसान होने के कारण बन्द होने के कगार पर हैं।

एक्साइज ड्यूटी में कमी से जो डीलर्स को नुकसान हुआ है उसका पुर्नभरण किया जाए तथा भविष्य के लिए पेट्रोल पंप डीलर्स को एक विषेश प्रावधान के माध्यम से उसी दायरे में लाया जा सकता है, जिसमें डीलरों को एक्साइज ड्यूटी में धटत-बढत के कारण पैसे का नुकसान न हो। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि आयल कंपनियों को एक्साइज में घटत-बढत पर नुकसान नहीं होता है।

एक्साइज ड्यूटी एवं वेट जब भी कमी की जाए तो सप्ताह के अन्त में न कर अन्य समय की जाए। त्यौहारी दिनों में भी एक्साइज ड्यूटी एवं वेट में कमी न की जाकर अन्य आम दिनों में की जाए। क्योंकि आयल कंपनियों स्तर पर तो मूल्यों में घटत-बढत पैसों में होती है और डीलर्स की आएसपी में सीधा रूपयों में घटत-बढत होती है। जैसे दिपावली पर एक्साइज 6.35 एवं 12.67 रूपए तथा वेट में 4.04 एवं 5.01 रूपए तथा दिनांक 21 मई 2022 को सप्ताह के अंत में 9.55 एवं 7.20 रूपए की कमी की गई। जिसके कारण डीलर्स को काफी नुकसान हुआ है।

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