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कोरोना वैक्सीन प्लेन से भेजने में नियमों का फच्चर फंसा

 

नई दिल्ली। कोविड-19 के टीकाकरण को लेकर जहां पूरी दुनिया में तैयारी जोर-शोर से चल रही है, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के केबिन में टीके की ढुलाई नहीं की जा सकेगी।

संयुक्त राष्ट्र के विमानन नियामक अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन ने सभी तरह के टीके को खतरनाक वस्तुओं की श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में उन वस्तुओं को रखा जाता है जिनसे जन स्वास्थ्य या विमान की सुरक्षा को खतरे की आशंका होती है। संगठन के निर्देशों का पालन सभी देशों और विमान सेवा कंपनियों के लिए अनिवार्य होता है।

देश में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईकाओ ने टीके को खतरनाक वस्तुओं की श्रेणी में रखा है। विमान से टीके की ढुलाई के दौरान इस श्रेणी के लिए जारी सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि विमान के केबिन में टीके की ढुलाई नहीं की जा सकेगी हालांकि यात्री विमानों की बेली में उसकी ढुलाई की जा सकेगी। कुछ टीके का परिवहन बेहद कम तापमान पर किया जाना है। इसके लिए शुष्क बर्फ का विकल्प अपनाया जा रहा है और यह भी खतरनाक वस्तुओं की श्रेणी में है।

 

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी पिछले सप्ताह कह चुके हैं कि टीके के परिवहन के लिए जल्द ही डीजीसीए दिशा-निर्देश जारी करेगा। उन्होंने बताया कि हर टीके की जरूरत के हिसाब से उसका परिवहन किया जायेगा और उसी के अनुरूप दिशा-निर्देश तय करने होंगे।

यात्री विमान के केबिन में टीकों की ढुलाई की अनुमति मिलने से देश में हवाई मार्ग से इनके परिवहन की क्षमता बढ़ जाती। इससे कम समय में ज्यादा टीकों की ढुलाई संभव होती। आईकाओ ने भी कहा है कि मौजूदा जरूरतों को देखते हुए वह कोविड-19 के टीकों के लिए जल्द ही नए निर्देश जारी करेगा।

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