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पाकिस्तानी जासूस ने खोला अपने ही अफसरों का कच्चा चिट्ठा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान आतंकियों की शरणस्थली है और यहां की एजेंसियां खुलेआम आतंकवादी संगठनों का समर्थन करती हैं। यह आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के ही एक जासूस ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में रिट लगाई है। उसके इस कदम से भारत को कूटनीतिक समर्थन मिला है।

भारत लगातार इस बात के सबूत देता आया है और पाक इस बात को मानने से इंकार करता रहा है कि वह आतंकवाद को पाल रहा है। इस बार पाकिस्तान के ही एक अधिकारी ने अपने ही देश का भंडाफोड़ कर दिया।

पाकिस्तानी इंटेलीजेंट ब्यूरो में असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर
मलिक मुख्तार अहमद शहजाद ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है।

 

याचिका में कहा गया है कि पुख्ता सबूत दिए जाने के बाद भी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं हुई। इंटैलीजैंस की पूरी गैदरिंग प्रोसेस में यह समझ आया कि कुछ उच्च स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि आईबी के डायरेक्टर को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अमीर फारूकी ने यह केस चीफ जस्टिस को इस नोट के साथ भेजा है कि इसे जस्टिस शौकत अजीज को ट्रांसफर किया जा सकता है क्योंकि एक आइडेंटिकल केस कोर्ट में पहले से पैंडिंग है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक मुख्तार अहमद शहजाद जो कि पाकिस्तानी इंटेलीजेंट ब्यूरो में असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर हैं, ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसके साथी ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है जिसमें उन्होंने मामले की जांच आईएसआई से करवाने की अपील की है।

याचिका में कहा गया है कि पुख्ता सबूत दिए जाने के बाद भी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं हुई।इंटैलीजैंस की पूरी गैदरिंग प्रोसेस में यह समझ आया कि कुछ उच्च स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि आईबी के डायरेक्टर को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अमीर फारूकी ने यह केस चीफ जस्टिस को इस नोट के साथ भेजा है कि इसे जस्टिस शौकत अजीज को ट्रांसफर किया जा सकता है क्योंकि एक आइडेंटिकल केस कोर्ट में पहले से पैंडिंग है।

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