नई दिल्ली। शरद पूर्णिमा के दिन दिल्ली-एनसीआर सहित पूरा उत्तर भारत भूकंप के झटकों से थर्रा गया। यहां तक कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी काफी देर तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप से तीन देशों में करीब 200 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा जनहानि पाकिस्तान में हुई है। यहां 165 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए। अफगानिस्तान में 31 लोगों के मरने की सूचना है। वहीं कश्मीर में 3 बुजुर्ग महिलाओं की दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई।
पहला झटका दोपहर 2.45 बजे महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई। इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदूकुश इलाका था। भूकंप का केंद्र जमीन से 200 किलोमीटर था।
हालांकि पाकिस्तान के मौसम विभाग ने दावा किया है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.1 थी। भूकंप के तेज झटके भारत में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में महसूस किए गए।
भूकंप के कारण दिल्ली में मेट्रो सेवाएं रोक दी गईं और राजधानी की कई इमारतें खाली कराई गईं। इस प्राकृतिक आपदा के कारण भारत के अनके शहरों की फोनलाइन सेवाओं में भी रुकावट आ रही है।
वहीं, पाकिस्तान के अनेक शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अभी तक भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
पांच मिनट तक हिला शिमला
राजधानी शिमला सहित हिमाचल प्रदेश के सभी भागों में दोपहर 2.50 बजे पांच मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। शिमला में भूकंप के झटके करीव पांच मिनट पर महसूस किए गए हैं। शिमला में जैसे लोगों ने झटके महसूस किए लोग अपने घरों व कार्यालय से बाहर निकले।
भूकंप के झटके शिमला में लोगों को साफ महसूस हुए हैं। जिस समय यह भूकंप आया उस समय अधिकतर लोग कार्यालय में काम कर रहे थे। तभी अचानक लोगों ने ये झटके महसूस किए।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर, सोलन, बिलासपुर, कांगड़ा चबां सहित सभी जिलों यह झटके महसूस किए गए। कई स्थानों पर बच्चों को स्कूलों से एकदम बाहर निकाला गया ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। अभी तक कहीं से भी जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।