अमरावती। महिलाएं तो नई गाड़ी की तरह होती हैं। उसे घर में पार्क रखो तो ज्यादा सेफ है। बाहर निकलती है तो ‘एक्सीडेंट’ का खतरा होता है।
आप चौंक गए होंगे कि यह कैसी तुलना है, मगर आंध्र प्रदेश विधानसभा के स्पीकर के शिव प्रसाद ने महिलाओं को लेकर यही बयान दिया है। वह भी महिलाओं के कार्यक्रम में। इस बयान के बाद महिलाओं में काफी रोष है। शिव प्रसाद तेलुगुदेशम पार्टी से विधायक हैं।
यहां आयोजित राष्ट्रीय महिला संसद के तहत एक प्रेस-मीट में शिव प्रसाद ने कहा कि अगर हम महिलाओं को कार की तरह घर में पार्क कर रखें तो उनके साथ रेप नहीं होगा। जब महिलाओं को सोसायटी में एक्सपोजर मिलता है तो वो इस तरह के अपराधों का शिकार बनती हैं।
अपने संबोधन में प्रसाद ने महिला सशक्तीकरण पर कहा कि आप गाड़ी खरीदते हैं, जब आप उसे गैराज में पार्क कर रखते हैं तो एक्सीडेंट की संभावना नहीं होती, है न? जब आप उसे बाजार या सड़क पर ले जाते हैं तो एक्सीडेंट हो सकता है। 50 की स्पीड पर एक्सीडेंट होने की संभावना कम होती है लेकिन सौ की स्पीड पर ये बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि पहले जब लेडिस महज गृहिणी थीं वो हर तरह के अपराधों से सुरक्षित थीं सिवाय भेदभाव के, लेकिन आज महिलाएं समाज में एक्सपोजर पा रही हैं क्योंकि वे अच्छी शिक्षा पा रही हैं, नौकरी और बिजनेस कर रही हैं. छेड़छाड़, शोषण, रेप, अपहरण की घटनाएं केवल तभी होती हैं जब महिला समाज में जाती है। अगर महिला घर से बाहर न निकलें तो ये घटनाएं नहीं होंगी।
अरे, ज्यादा बोल गया!
हालांकि प्रसाद को जल्द ही अपनी गलती का अहसास भी हो गया। उन्होंने सफाई दी कि वह महिलाओं की शिक्षा या उनके काम करने के खिलाफ नहीं हैं। उन्हें पढ़ना चाहिए, काम करना चाहिए, कमाने की आजादी मिलनी चाहिए लेकिन उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
दस हजार महिलाएं संभागी
अमरावती में आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में देशभर से दस हजार महिलाएं हिस्सा ले रही हैं जिनमें महिला सांसद, विधायक, बिजनेसवुमन आदि शामिल हैं।