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लॉकडाउन हटने के बाद भी केंद्रीय कर्मचारी करेंगे घर से काम

 

नई दिल्ली। प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के बाद केंद्रीय सरकारी कर्मचारी-अधिकारी भी घर से काम करते हुए नजर आएंगे। केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तैयारी करने में जुटी हुई है। कोरोना वायरस से सामाजिक दूरी बनी रहे इसलिए सरकार अपने कर्मचारियों को भी स्वस्थ रखना चाहती है। केंद्रीय कर्मचारियों को निकट भविष्य में अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़ सकता है और ऐसा भी संभव है कि कर्मचारियों की उपस्थिति भी कम रहे, इसे देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद कर्मचारियों के लिए ‘घर से काम’ यानी कि वर्क फ्रॉम होम करने के संबंध में एक मसौदे की रूपरेखा तैयार की है। इसमें कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग अधिकारियों/कर्मचारियों को नीतिगत रूप से एक साल में 15 दिन के लिए घर से काम करने का विकल्प मुहैया करा सकता है।

केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजी विज्ञप्ति में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कई मंत्रालयों के लिए घर से काम करना अनिवार्य कर दिया है । भारत सरकार के कई मंत्रालय/विभागों ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र की वीडियो कांफ्रेंसिंग और ई-कार्यालय सुविधाओं का लाभ उठाकर लॉकडाउन के दौरान वैश्विक महामारी के खिलाफ निपटने में अनुकरणीय नतीजे दिए और सफलतापूर्वक कामकाज किया, यह भारत सरकार में अपनी तरह का पहला अनुभव था।

 

केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए लैपटॉप मुहैया करवाएगी

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि निकट भविष्य में केंद्रीय सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति कम रहे और कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए उन्हें अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़े। मंत्रालय ने कहा कि इसलिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद और घर पर बैठकर ही सरकारी फाइलों और सूचनाओं को हासिल करते हुए सूचना की सुरक्षा सुनिश्चित कर घर से काम करने के लिए एक व्यापक खाका महत्वपूर्ण है। इसी अनुरूप सरकार के कामकाज के सुचारू संचालन के लिए कर्मचारियों के वास्ते नई मानक संचालन प्रक्रियाएं तय की गई हैं। सरकारी कर्मचारियों को लैपटॉप/डेस्कटॉप के रूप में साजो-सामान संबंधी सहयोग मुहैया कराएंगे।

कर्मचारियों को घर से काम करते हुए इंटरनेट सेवाओं के लिए भुगतान भी किया जा सकता है। अगर जरूरत पड़ी तो इस संबंध में अलग से दिशा-निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं। दिशा-निर्देशों के मसौदे में सभी वीआईपी और संसद संबंधी मामलों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल का प्रस्ताव दिया गया है, इसमें कहा गया है कि ऐसी सभी प्राप्तियों के लिए एसएमएस के जरिए अलर्ट भेजे जाएंगे। जो मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मॉड्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं वे समयबद्ध तरीके से अपने सचिवालय और अधीनस्थ कार्यालयों में इसका शीघ्र क्रियान्वयन करेंगे। अभी करीब 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मंच का सक्रियता से इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें से 57 ने अपने काम का 80 फीसदी से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है।

गोपनीय सूचना वाले कामों की घर से नहीं दी जाएगी इजाजत

केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि गोपनीय सूचना वाले कामों की घर से काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसा इसलिए कहा गया है कि ऐसे सूचनाएं लीक होने का डर रहेगा ऐसे कर्मचारियों को ऑफिस आ कर ही काम करना पड़ेगा। इसलिए घर से काम करने के दौरान ई-कार्यालय में गोपनीय फाइलों पर काम नहीं किया जाएगा। गृह मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर गोपनीय फाइल/सूचना को हासिल करने के मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का आकलन कर सकती है और इसके लिए उपयुक्त दिशा-निर्देश एवं मानक संचालन प्रक्रियाओं का प्रस्ताव दे सकती है। कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि जिन अधिकारियों को आधिकारिक लैपटॉप मुहैया कराए गए वे यह सुनिश्चित करें कि इन पर केवल आधिकारिक काम ही किया जाए। अंतर मंत्रालयी चर्चा, मंत्रालयों के बीच फाइलों के आदान-प्रदान ई-कार्यालय पर सुचारू रूप से हो सकता है।

सरकारी कर्मचारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी सहारा ले सकते हैं

केंद्र सरकार ने कहा है कि घर से काम करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा का महत्वपूर्ण बैठकों के लिए सरकारी कर्मचारियों को लाभ उठाना चाहिए। अधिकारी और कर्मचारी एनआईसी द्वारा उन्हें भेजे वीसी लिंक को एक्टिवेट कर बैठकों में भाग ले सकते हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कार्यालयों में भी जितना संभव हो सके वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करना चाहिए।

केंद्र सरकार ने कहा है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए इसे मजबूत करने होंगे। घर से काम कर रहे अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकों में भाग लेते हुए कार्यालय का माहौल बनाए रखने के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार के सभी विभागों को 21 मई तक अपनी टिप्पणियां भेजने के लिए कहा गया है, ऐसा न होने पर यह मान लिया जाएगा कि मंत्रालय/विभाग प्रस्तावित मसौदे से सहमत हैं।

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