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ब्रेकिंग न्यूज : पत्रिका के नीमच दफ्तर पर छापा

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नामदेव न्यूज डॉट कॉम
नीमच। खुद को देश का सबसे ज्यादा उसूलों पर चलने वाला अखबार बताने का दावा करने वाले पत्रिका पर अब कानून का शिकंजा कसा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अपने पत्रकारों व अन्य कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन-एरियर का भुगतान नहीं कर रहे पत्रिका के नीमच दफ्तर पर बुुधवार को श्रम निरीक्षकों की टीम ने छापा मारा। विभाग ने यह कार्रवाई कर्मचारी गोपाल कुमावत की शिकायत पर की। टीम ने वहां रिकार्ड खंगाला और पाया कि कर्मचारियों को मजीठिया के हिसाब से वेतन नहीं मिल रहा है। श्रम विभाग ने पत्रिका के डायरेक्टर नीहार कोठारी को सात दिन के भीतर मजीठिया के हिसाब से वेतन देने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि पत्रिका के प्रबंध संपादक गुलाब कोठारी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना के 7 केस चल रहे हैं।

supreme court
मजीठिया की जंग लड़ रहे पत्रिका के पत्रकारों व अन्य कर्मचारियों के प्रयास रंग लाने लगे हैं। इसी निरंतर संघर्ष के चलते अब पत्रिका और उनके गुर्गों पर श्रम विभाग की ओर से कठोर कार्रवाई शुरू हो गई है। इसी कड़ी में लेबर डिपार्टमेंट ने पत्रिका नीमच ऑफिस में छापा मारा और रजिस्टर आदि जब्त किए गए।
श्रम निरीक्षकों की टीम ने नीमच कार्यालय पहुंचकर पूछताछ की। रिकॉर्ड खंगाला और पाया कि कर्मचारियों को मजीठिया के हिसाब से वेतन नहीं मिल रहा है।
श्रम निरीक्षकों ने पत्रिका को सात दिन के भीतर मजीठिया के हिसाब से वेतन देने के दिए निर्देश। भोपाल व एमपी के अन्य शहरों में भी आजकल में कार्रवाई शुरू करने के संकेत हैं।
बेंगलूरु में भी कार्रवाई
पत्रिका के बेंगलूरु कार्यालय में भी श्रम विभाग का छापा पड़ा है। वहां भी कंप्यूटर डाटा और रिकॉर्ड जब्त किया गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश व राजस्थान में कई पत्रकार अपने हक के लिए मीडिया माफिया से लड़ रहे हैं। राजस्थान में भी पत्रिका के 130 कर्मचारियों ने गुलाब कोठारी-नीहार कोठारी पर सुप्रीम कोर्ट में केस कर रखा है। पत्रिका प्रबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के कुल 7 केस चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि सभी कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान के हिसाब से 11 नवम्बर 2011 से वेतन दिया जाए। हर बार नैतिकता की दुहाई देकर आम पाठकों के सामने खुद को दूसरों से अलग साबित करने वाले कोठारी परिवार ने सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद कई सालों तक कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन व एरियर नहीं दिया। इस पर कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के केस दर्ज करा दिए। सुप्रीम कोर्ट के तीखे तेवर देखते हुए अब श्रम विभाग भी कानून की पालना कराने में सक्रिय हो गया है।

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