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संत के विवादित पोस्टर लगाकर माहौल बिगाड़ने की साजिश

अजमेर में संत के आपत्तिजनक पोस्टर हटाते वीएचपी कार्यकर्ता।

 

अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ के पास पन्नीग्रान के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में असामाजिक तत्वों ने सडकों पर कई जगह संत नरसिंहानंद सरस्वती के फोटो लगे विवादित पोस्टर चस्पा कर दिए। यह मामला जानकारी में आने के बाद स्थानीय हिंदुवादी संगठनों ने जमकर विरोध किया। दरगाह थाना पुलिस ने भी तत्परता पूर्वक कार्यवाही करते हुए पोस्टरों को हटा दिया।

पिछले जुमे को ब्यावर में भी इसी तरह संत के आपत्तिजनक पोस्टर चस्पा कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई थी। वहां कुछ लोग इन पोस्टरों को पैरों तले कुचलकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसका पता लगते ही हिंदूवादी संगठनों के लोग पहुंच गए। उनका कहना था कि संत ने अगर कोई विवादित टिप्पणी की है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए लेकिन इस तरह विवादित पोस्टर लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिशें सहन नहीं होगी। ब्यावर सिटी पुलिस ने पोस्टर जब्त कर पोस्टर लगाने वालों को पकड़ने का आश्वासन दिया, तब जाकर वहां मामला शांत हुआ।

ठीक एक सप्ताह बाद जुमे पर अजमेर में ऐसे ही आपत्तिजनक पोस्टर लगा दिए गए। पता लगते ही वीएचपी कार्यकर्ता पहुंच गए। विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री एडवोकेट शशिप्रकाश इंदौरा ने पुलिस से पोस्टर चिपकाने वाले तथा माहौल को खराब करने वाले लोगों पर कार्यवाही की मांग की है और कहा है कि पुलिस सीसीटीवी कैमरे के आधार पर ऐसा कृत्य करने वालों को सामने लाए और सजा दे।

उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज अजमेर की पावन धरती पर अपने साधु संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। पूज्य संतों को सर कलम करने की धमकी देने वालों पर कानूनी शिकंजा कसना ही चाहिए। सौहार्द बिगाडने वालों की गिरफ्तारी होने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।

तुलसी सोनी ने कहा कि शांति प्रिय शहर में सभी मिलजुल कर रहते हैं लेकिन कुछ समाजकंटकों की इस हरकत को माफ नहीं किया जाना चाहिए। इस प्रकार के तत्वों के कारण माहौल बिगड सकता है। उन्होंने कहा कि ​योजनाबद्ध तरीके से शरारती तत्वों ने डिग्गी चौक, पन्नी ग्राम चौक समेत कई जगहों पर ये पोस्टर चस्पा किए हैं।

जुमे की नमाज के बाद जलसा

दूसरी ओर दरगाह शरीफ के बाहर निजाम गेट पर जुम्मे की नमाज के बाद एक जलसा (प्रोटेस्ट) का आयोजन किया गया जिसमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों को चुनौती दी गई और यूपी के संत के खिलाफ आक्रोश जताया गया।

अंजुमन सैयद जादगान के पूर्व अध्यक्ष सैयद गुलाम किबरिया तथा पूर्व सचिव सैयद सरवर चिश्ती की अगुवाई में उत्तरप्रदेश के संत नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पिछले दिनों जो अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी एवं बयान दिया उसकी जमकर आलोचना की गई।

अपने संबोधन में किबरिया ने कहा कि हम किसी मजहब को बुरा भला नहीं कहते, किसी की शान में गुस्ताखी नहीं करते, हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है लेकिन आए दिन इस्लाम और मुसलमान के खिलाफ जो जमकर जहर उगला जा रहा है उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वालों की हम गिरफ्तारी की मांग करते हैं।

पूर्व सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी टिप्पणी करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुसलमान कौम इसको बर्दाश्त नहीं करेगी। आशिके रसूलो ने इस मौके पर जमकर नारेबाजी की। उनके हाथों में विरोध से लबरेज तख्तियां और काले झंडे भी थे। कोरोना महामारी के चलते धारा 144 लगने के बावजूद जलसे का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही।

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