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उज्जैन सिंहस्थ के द्वितीय शाही स्नान की तैयारियां शुरू

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उज्जैन। सिंहस्थ महापर्व के द्वितीय शाही स्नान को सुव्यवस्थित तथा सुनियोजित ढंग से सम्पन्न कराने के लिये प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सभी कार्य पुख्ता हो इसके लिये जरूरी तैयारियों की रिहर्सल भी अभी से की जायेगी। इस संबंध में कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने स्नान व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक बृहस्पति भवन सभाकक्षा में ली। मेला अधिकारी अविनाश लवानिया, सभी झोन मजिस्ट्रेट और विभागीय अधिकारी बैठक में मौजूद थें।

कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने बैठक में अखाड़ों के अपने परिसरों से स्नान हेतु बाहर निकलने से लेकर उनके स्नान पश्चात् अपनी छावनी में पहुंचने तक के लिये विस्तृत दिशा निर्देश अधिकारियों को दिये। स्नान के लिये विधिवत अखाड़ों को लिखित में निमंत्रण देने, रास्ते की सफाई, पेचवर्क, पशु नियंत्रण, घाट पर अखाड़ों के आगमन की सूचना, घाट पर उनके अभिनंदन से लेकर तमाम आवश्यक बातों की समझाईश अधिकारियों को दी गई।

अखाड़ों के स्नान हेतु आगमन के दौरान मार्ग में शोभायात्रा के आगे-पीछे पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तैनात रहेंगे। झोन मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र के अखाड़ा पदाधिकारियों से चर्चा कर मार्ग की रूपरेखा अभी से तय कर लेंगे। रास्ते की खुली नालियों को फर्शी से ढका जायेगा। शोभायात्रा के लिये सड़कों की धुलाई एवं छिड़काव किया जायेगा। शिप्रा में बहते हुए कचरे को समय पूर्व निकाल लिया जायेगा। प्रत्येक अखाड़े के स्नान पश्चात् तत्काल घाट को धुलवाया जा कर अगले अखाड़े के स्नान के लिये तैयार किया जायेगा। मेला कार्यालय के अधिकारी अखाड़ों के घाट आगमन पर उनके पदाधिकारियों संतों-महन्तों का फूल-हारों से स्वागत और सम्मान स्वरूप चांदी के सिक्के भेंट करेंगे। इसके लिये समय पूर्व पदाधिकारी संत-महंत चिन्हाकिंत कर लिये जायेंगे। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि एक अखाड़ा पूर्ण रूप से स्नान कर ले उसके पश्चात् ही दूसरा अखाड़ा स्नान के लिये घाट पर आये।

स्नान के लिये अखाड़ों के घाट आते समय रास्ते में पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था पुलिस द्वारा की जायेगी। शोभायात्रा में धक्का-मुक्की न हो यह सुनिश्चित किया जायेगा। स्नान के पश्चात् अखाड़ों की वापसी के समय भी मार्ग में पानी का छिड़काव होगा। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि घाटों पर अखाड़े के साधु-संतों व अधिकृत व्यक्तियों के अलावा अन्य कोई व्यक्ति उस समय में स्नान नहीं करेगा।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये कि घाटों पर प्रवेश के वैकल्पिक स्थानों को बेरिकेड्स कर दें, जहां से स्नान के समय किन्हीं अन्य व्यक्तियों के घाट पर प्रवेश की संभावना हो। हर अखाड़े के साथ एक 108 एम्बुलेंस भी चलेगी। अखाड़ों के स्नान हेतु घाट आगमन पर विधिवत उनकी आगवानी की जायेगी। ध्वज पूजन, फूल-हारों से स्वागत और सम्मान स्वरूप चांदी का सिक्का भेंट किया जायेगा। इस व्यवस्था में चूक होने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार ठहराया जायेगा।

कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शाही स्नान के एक दिन पूर्व अखाड़ों में जाकर अधिकारी उनको विधिवत, स्नान के लिये लिखित में निमंत्रण देंगे, स्नान के लिये अनुरोध करेंगे। स्नान की पूर्व रात्रि में ही नगर-निगम की पशु नियंत्रण गैंग सक्रिय होकर यह सुनिश्चित करेंगी कि अखाड़ों की शोभायात्रा के दौरान मार्ग में कोई पशु अवरोध नहीं आये।

बैठक में कलेक्टर ने घाटों तथा आस-पास के स्थानों पर भिखारियों पर नियंत्रण तथा मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण मार्गों पर दृष्टिगोचर हो रही अवैध व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करवाने के निर्देश भी दिये। मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने भी नगर-निगम के अधिकारियों को विभिन्न दायित्व सोपते हुए दिशा निर्देश दिये।

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