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चमत्कार : नए रूप में विश्व फलक पर अवतरित हुआ काशी विश्वनाथ धाम

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये रूप में विश्व फलक पर अवतरित हो रहे काशी विश्वनाथ धाम का सोमवार को लोकार्पण किया। वाराणसी पहुंचकर मोदी ने कहा कि वह यहां पहुंचकर अभिभूत हैं। काल भैरव मंदिर से दर्शन करने के बाद क्रूज से वह धाम तक पहुंचे। लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री ने कॉरिडोर को दिन रात एक कर मूर्त रूप देने वाले  लगभग 2500 मजदूरों के साथ पंगत में बैठकर भोजन किया।

काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने से पहले काल भैरव में उन्होंने पूजन किया। काल भैरव मंदिर से बाहर निकलने पर गुजराती समाज के लोगों ने उनका किया। प्रधानमंत्री ने गाड़ी रुकवाई और गुजराती समाज की ओर से उनको पगड़ी पहनाई गई। इत्र लगाया गया और गोपाल मंदिर का प्रसाद भी दिया गया। मोहन भाई सोनावले ने पीएम को पगड़ी पहनाई।

अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वाराणसी पहुंचने बाद काल भैरव मंदिर में लगभग 11 बजे पूजा अर्चना की। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि काशी पहुंचकर अभिभूत हूँ। कुछ देर बाद ही हम सभी काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के लोकार्पण के साक्षी बनेंगे। इस से पहले मैंने काशी के कोतवाल काल भैरव जी के दर्शन किए।

वाराणसी पहुंचने पर हर्वाअड्डे पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मोदी की अगवानी की। हवाईअड्डे से मोदी काल भैरव मंदिर पहुंचे। काल भैरव का दर्शन करने के बाद आरती उतारी। इसके बाद वह गंगा के तट पर जेटी पहुंचे। जेटी पर तैनात रो-रो बोट ‘अलकनंदा’ पर सवार होकर मोदी और योगी ने ललिता घाट तक का लगभग 20 मिनट का सफर तय किया। इस बीच गंगा तट पर खड़े स्थानीय लोगों और मंदिर परिसर में पहुंचे दर्शनार्थियों का मोदी ने अलकनंदा से अभिवादन स्वीकार किया। ललिताघाट पर गंगा में डुबकी भी लगाई। इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण किया।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने का बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए। औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की, लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है। अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं।

उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी खोई हुई विरासत को फिर से संजो रहा है। यहां काशी में तो माता अन्नपूर्णा स्वयं विराजित हैं। मुझे प्रसन्नता है कि यहां से चुराई गई माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा 1000 वर्ष बाद यहां पुनः स्थापित कर दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज का भारत अयोध्या में सिर्फ प्रभु श्री राम का मंदिर ही नहीं बना रहा बल्कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज भी बना रहा है। नए भारत में विरासत भी है और विकास भी है।

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