कानपुर। 16 साल से हर रविवार को एक से पांच साल के बच्चों के लिए पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए पिलाई जाने वाली दो बूंद जिंदगी के पी-2 वैक्सीन को सरकारी अस्पतालों में 25 अप्रैल के बाद हटा दी जाएगी। पोलियो का पी-2 वायरस दुनिया भर से खत्म होने को है। 25 अप्रैल को इस वायरस के खिलाफ लड़ने वाले वैक्सीन का प्रयोग बंद करने की घोषणा होगी।
पोलियो वायरस को तीन भागों में बांटा गया है जिसे पी-1, पी-2, पी-3 नाम दिया गया है। जिनमें पी-2 वायरस के रोगी ज्यादा थे, इससे निजात पाने के लिए डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के सहयोग ट्राइवैलेंट वैक्सीन शुरू की गई। जिसे पोलियो ड्राफ के रूप में 16 सालों से लगातार दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि पी-2 के रोगी अब नहीं बचे हुए है, जिससे इसे समाप्त किया जाना चाहिए। अब पोलियो वायरस से निपटने के लिए एक से पांच वर्ष के बच्चों को बाइवैलेंट वैक्सीन दी जाएगी, यानी पी-1 और पी-3।
पी-2 वैक्सीन में जीवित वायरस
स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के मुताबिक पी-2 वैक्सीन में जीवित वायरस है। अब इसके इस्तेमाल से फायदे के जगह नुकसान होने की संभावना है। इसलिए इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए। 16 वर्ष से पी-2 वायरस विश्व में कहीं नहीं रिपोर्ट हुआ है इसलिए इस वैक्सीन को हटाया जा रहा है। यह वैक्सीन क्लोज की जा रही हैं। उसे नेशनल वायरोलॉजी सेंटर पुणे भेजा जाएगा। वहां इसे खत्म कर दिया जाएगा।