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मोबाइल के ज्यादा उपयोग से युवाओं में बढ़ रहा है मोतियाबिंद

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मंदसौर। युवाओं में नेत्र रोग मोतियाबिंद और काला मोतिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टरों ने हाल ही के परीक्षण एवं सर्वे में पाया कि जो युवा मोबाइल कम्प्यूटर, टेलीवीजन का अधिक उपयोग करते हैं। उनमें यह समस्या अधिक बढती जा रही है। प्रारंभिक अवस्था में इसे नजरअंदाज करने के कारण आंखों में इंफेक्शन, चश्मे का नंबर तेजी से बढ़ने लगते हैं।

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पिछले दो साल के आंकड़े बताते हैं कि एक हजार रोगियों में से 40 को मोतियाबिंद और आठ को ग्लोकोमा निकला है। या फिर कुछ मरीजों में दोनों के लक्षण सामने आए है। तीन साल में खास बात यह है कि यह समस्या चालिस साल की उम्र के युवाओं में अधिक पाई गई।

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रतलाम, नीमच से ज्यादा रोगी मंदसौर में मिले हैं। आठ हजार ऑपरेशन किए जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग मोतियाबिंद रोग के ऑपरेशन के लिए हर साल रतलाम जिले को चार हजार रोगियों का लक्ष्य देना है, नीमच को सात हजार और मंदसौर को आठ हजार का लक्ष्य दिया जाता है।

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जिला अस्पताल नेत्र सहायक रामहित प्रजापति ने बताया कि टॉरगेट को स्वास्थ्य विभाग संस्थाओं की मदद से केंप लगाकर पूरा किया जाता है। नीमच में गोमाबाई नेत्र चिकित्सालय इस दिशा में उल्लेखनीय सेवा कर रहा है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ केसी दवे का मानना है कि आजकल दिनचर्या में स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर, टीवी का इस्तेमाल बढने से पलके न झपकाना स्क्रीन से आई एनर्जी विजीबलीटी लाईट से रेटिना से उत्तकों को क्षति पहुंचती है। धुंधलापन या अन्य दृष्टि दोष बढ़ते हैं। हमें हर बीस मिनट में ब्रेक लेकर आराम देना चाहिए। इससे आंखों की मांस पेशियों को रिलेक्स मिलता हैं।

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हरी सब्जियों का सेवन आंखों के लिए लाभदायक होता है। इंफेक्शन या अन्य केस में समय पर जांच व उपचार ऑपरेशन जैसी प्रयोग से बचा जा सकता है। ग्लोकोमा में आंखों से रंगीन गोले दिखने के साथ तेज दर्द होता है। जी मचलाने जैसे लक्षण भी होते हैं। ऑपरेशन ही विकल्प होता है। इस तरह मोतियाबिंद में धुंधली परत आना, स्पष्ट न दिखना जैसी लक्षण दिखाई देते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व ग्लोकोमा जाग्रति हेतु सप्ताह में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश मालवीय ने बताया कि नेत्र रोगियों को चिन्हित कर उनका इलाज जिला अस्पताल मंदसौर या हाईरिस्क होने पर मेडिकल कॉलेज में रखकर मरीजों का इलाज किया जाएगा।

सिविल सर्जन डॉ एके मिश्रा ने रैली में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्लोकोमा के मरीजों को शीघ्र ही जिला अस्पताल भेजा जाए एवं सक्ष्म चिकित्सक से इलाज करने की सलाह भी दी जाए। इस दिशा में समस्त स्वास्थ्यकर्मी अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।

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