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हजारों रोहिंग्या भारत में घुसने को आमादा, मिर्ची स्प्रे से रोक रहे बीएसएफ जवान

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कोलकाता। म्यांमार से भाग रहे हजारों रोहिंग्या मुसलमान भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। इससे हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। उन्हें रोकने के लिए बांग्लादेश की सीमा से सटे पूर्वी बॉर्डर पर बीएसएफ जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन पर मिर्ची स्प्रे और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही बांग्लादेश की सीमा से सटे पूर्वी बॉर्डर पर पैट्रोलिंग की जा रही है।

केंद्र सरकार ने बीएसएफ को रोहिंग्या को वापस खदेड़ने के लिए मिर्ची स्प्रे और स्टन ग्रेनेड इस्तेमाल करने के निर्देश दे रखे हैं। बीएसएफ उन्हें न तो कोई गंभीर चोट पहुंचाना चाहती है और न ही गिरफ्तार करना। कैसे भी उन्हें देश मे घुसने से रोकना चाहती है।

कौन हैं रोहिंग्या

म्यांमार की बहुसंख्यक आबादी बौद्ध है. म्यांमार में एक अनुमान के मुताबिक़ 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं। इन मुसलमानों के बारे में कहा जाता है कि वे मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं जो म्यामांर में अवैध रूप से रह रहे हैं। सरकार ने इन्हें नागरिकता देने से इनकार कर दिया है। म्यामांर के रखाइन स्टेट में 2012 से सांप्रदायिक हिंसा जारी है। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं और एक लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।

 

बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान आज भी जर्जर कैंपो में रह रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को व्यापक पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। लाखों की संख्या में बिना दस्तावेज़ वाले रोहिंग्या बांग्लादेश में भी रह रहे हैं। इन्होंने दशकों पहले म्यांमार छोड़ दिया था।

म्यांमार में मौंगडोव सीमा पर 9 पुलिस अधिकारियों के मारे जाने के बाद पिछले महीने रखाइन स्टेट में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर रोहिंग्या को देश से बाहर खदेड़ना शुरू किया है।  सुरक्षाबलों ने मौंगडोव ज़िला की सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया और एक व्यापक ऑपरेशन शुरू किया।

रोहिंग्या लोगों का कहना है कि 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। म्यामांर के सैनिक उनकी महिलाओं से बलात्कार कर रहे हैं। आदमियों का कत्लेआम किया जा रहा है। इसलिए रोहिंग्या भागकर भारत में शरण लेने को आमादा हैं

हिन्दू भी विस्थापित

म्यामांर के बिगड़े हालातों की वजह से वहां रह रहे सैकड़ों हिन्दू भी विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने भी मोदी सरकार से आस लगाई है कि उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जाए। म्यांमार की सेना और रोहिंग्या विद्रोहियों के बीच फंसे बांग्लादेश भागने वाले सैकड़ों हिंदुओं को अब मोदी सरकार से उम्मीदें हैं। बांग्लादेश में 4 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिमों के कैंपों से कुछ मील की दूरी पर हिंदुओं को रखा गया है।

इन शरणार्थियों का कहना है कि उन्हें बौद्ध धर्म बहुल गांवों में अब वापस जाने से डर लगता है, और मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में भी चिंता सता रही है। उनका कहना है कि भारत को हिंदुस्तान के तौर पर भी जाना जाता है। हम बस भारत में एक शांतिपूर्ण जीवन चाहते हैं।

हालांकि, भारत सरकार ने हिंदू शरणार्थियों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं दी है। फिलहाल भारत में देश से 40 हजार रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।

उधर , विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने म्यांमार से विस्थापित हिंदुओं को भारत में शरण देने की पैरवी की है।

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