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महिला पालिकाध्यक्ष से पार्षदों ने क्यों मांगी घूस, पढ़िए आगे क्या हुआ

जालोर। राजस्थान के इतिहास में जालोर एसीबी ने अपने नाम सबसे अनूठी ट्रेपिंग कार्रवाई की है। जालोर एसीबी टीम ने भाजपा की पालिकाध्यक्ष से उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाने के लिए रिश्वत की मांग करने वाले भाजपा के दो पार्षदों को डेढ-डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इनसे रिश्वत की डेढ-डेढ लाख रुपये की राशि भी बरामद की है।


एसीबी जालोर के एएसपी अनराज पुरोहित ने बताया कि रमेश कुमार ने इस बात का परिवाद पेश किया किया उसकी पत्नी रंजना घांची तखतगढ नगर पालिका की अध्यक्ष है। तखतगढ नगर पालिका के वार्ड संख्या 16 के पार्षद केसाराम और वार्ड संख्या 15 के पार्षद मुकेश कुमार उसकी पत्नी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाने के लिए डेढ-डेढ लाख रुपये रिश्वत मांगी। इस शिकायत का 20 सितम्बर को सत्यापन करवाया गया।

सत्यापन में दोनों पार्षदों द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत को सत्य पाया गया। इस पर ट्रेप कार्रवाई को अंजाम देकर गुरुवार् को दोनों पार्षदों को रमेशकुमार से डेढ-डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उल्लेखनीय है कि पालिकाध्यक्ष रंजना घांची भी भाजपा की ही है और अविश्वास प्रस्ताव नहीं मांगने के लिए रिश्वत मांगने वाले पार्षद भी भाजपा के ही हैं।

कहा, हमारे पास पांच पार्षद

दरअसल, प्रदेश की अधिकांश नगर पालिकाओं में पालिकाध्यक्षों के तीन साल पूर्ण हो गए हैं। राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के अनुसार किसी भी नगर निकाय के मुखिया के खिलाफ संबंधित निकाय के पार्षद दो तिहाई बहुमत के साथ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। हाल ही में पाली की सुमेरपुर नगर पालिका के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है।

वहीं सिरोही जिले की पिण्डवाडा नगर पालिका अध्यक्ष को तो हटाकर नया पालिकाध्यक्ष भी चुन लिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां सभी जगह भाजपा के पार्षदों की भूमिका भाजपा के पालिकाध्यक्षों को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इसी तर्ज पर संभवतः भाजपा पार्षद तखतगढ पालिकाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थे। इसके लिए उन्होंने पालिकाध्यक्ष से डेढ-डेढ लाख रुपये की मांग की थी। यह भी कहा था कि उनके पास पांच पार्षद है और पैसे नहीं मिले तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश कर देंगे। इस पर पालिकाध्यक्ष पति ने इन्हें ट्रेप करवाने की हिम्मत दिखाते हुए इस परम्परा पर अंकुश लगाने का प्रयास किया।

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