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मध्यप्रदेश में फिर सामने आया लाखों का घोटाला

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फर्जी खाते खोलकर लाखों रूपए निकाले

अनूपपुर। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसी का नतीजा है कि यहां आए दिन बड़े-बड़े घोटाले उजागर रहे हैं। एक मामले की जांच पूरी नहीं हो पाती, उससे पहले ही दूसरा घोटाला सामने आ जाता है। अब अनूपपुर जिले में एक लाखों का घोटाला सामने आया है। जिले के विभिन्न सहकारी समितियों में एक के बाद एक घोटालों की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि एक बार फिर गरीब जनजातीय समाज के कल्याण के नाम पर फर्जी खाते खोलकर लाखों रूपए निकाल लिए गए । बताया जाता है कि इसमें सत्ता से जुड़े कुछ बड़े लोग भी शामिल हैं, जिनकी मिलीभगत से सरकारी लोगों ने लाखों के वारे-न्यारे कर लिए।

यह मामला इसलिए ये भी और शर्मनाक हो गया है कि घोटाला करने के लिए सत्तारूढ भाजपा नेताओं का कंधा भी बखूबी इस्तेमाल किया गया। लोगों को इसमें कोई भी शक नहीं कि भ्रष्टाचार की मलाई खाने वालों में कुछ सफेदपोश नेताओं का नाम भी उजागर हो सकता है। जिले के सैकडों अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के लोग पुन: ठगी के शिकार हो चुके हैं।
जिले के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत 80 हितग्राहियों के हक का 14 लाख 40 हजार रूपए प्रबंधक द्वारा हडपकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है। मामले की सूचना मिलने पर मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नरेंद्र मराबी एवं कमिश्रर डी पी अहिरवार ने समुचित जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है। जिले में निवास करने वाले बैगा, भरिया, गोड, कोल, अगरिया समाज के लोगों के साथ किस तरह से छलावा एवं ठगी किया जा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण जिले के अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मुडधोवा एवं सलैया टोला में देखने को मिल रहा है।

खोले गये फर्जी खाते

फर्जी दस्तावेज संलग्र कर खाता खोलकर आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित देवगवां के प्रभारी प्रबंधक तिवारी द्वारा लगभग 14 लाख 40 हजार रूपये उनके खाता में दिखाकर फर्जी तरीके से घोटाला किया गया है। जिसकी शिकायत पीड़ित जनो द्वारा संभागायुक्त डीपी अहिरवार, कलेक्टर एन एस परमार, पुलिस महानिरीक्षक के बाबू राव, पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा, एसडीओपी एवं थाना प्रभारी के यहां की गई है। ठगी के हुए शिकार बैगा, भरिया, गोंड, कोल, अगरिया समाज के लोगों ने कहा है कि प्रभारी प्रबंधक विनोद तिवारी द्वारा हमारे नाम पर फर्जी खाता अपने संस्था में खोलकर प्रति खातेदार के हिस्से में 18 हजार रूपये दर्ज करके 80 हितग्राहियों के 14 लाख 40 हजार का घोटाला किया गया है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच कर कानूनी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

सूचना अधिकार से हुआ खुलासा

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन द्वारा जिले के लगभग 80 हितग्राहियों को 2012-13 में 14 लाख 40 हजार रूपए  विशेष केंद्रीय सहायता के तहत राशि आवंटित की गई थी उसका जमकर दुरूपयोग किया गया। प्राप्त रिकार्ड और संबंधित ग्रामीण जन मामले की पुष्टि कर रहे हैं।

यह है पूरा मामला

मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम शहडोल द्वारा पत्र क्र./226/पशुधन/2013/शहडोल दिनांक 22.02.2013 को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवगवां को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये गये कि ग्राम मुडधोवा के 30 हितग्राहियों को 18 हजार रूपये विशेष कें द्रीय सहायता अंतर्गत चेक क्रमांक 298860 दिनांक 22.02.2013 राशि 9 लाख रूपये को हितग्राहियों के खाते में जमा करना है। लेकिन प्रभारी प्रबंधक द्वारा उक्त राशि को हितग्राहियों के खाते में जमा न कर स्वहित में उपयोग किया गया है।

फर्जीवाडे की यह है कहानी

मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम शहडोल द्वारा पत्र क्र./234/पशुधन/2013/दिनांक 09.03.2013 को वहां के कार्यपालिक अधिकारी द्वारा निर्देश जारी किए गए कि ग्राम सलैया टोला के 30 हितग्राहियों को 18 हजार रूपए की दर से उनके खाते में  जमा कर सूचित करें। उन्होंने लिखा कि विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत चेक क्र. 298866 दिनांक 9.03.2013 को राशि 5 लाख 40 हजार रूपए हितग्राहियों के खाते में जमा कर कार्यालय को अवगत कराए । लेकिन प्रभारी प्रबंधक द्वारा सभी नियमों को दर किनार कर उक्त राशि को गबन किया गया है।

ग्राम मुडधोवा के हैं हितग्राही

एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना शहडोल द्वारा जो 9 लाख रूपए ग्राम मुडधोवा के हितग्राहियों को जारी की गई थी उसमें श्याम लाल गोंड, भोला सिंह, गणेश सिंह, प्रेम सिंह, संतोष सिंह, जोहन सिंह, कोदूलाल कोल, जोगन सिंह, भीमसेन गोड, दिनेश सिंह, अशोक सिंह, फॅूल सिंह, राजू अगरिया, ईश्वरदीन भरिया, नेम सिंह, सुखलाल सिंह, छबलू सिंह, केमली ङ्क्षसंह, मोले सिंह, सियाराम सिंह, दीनबंधु सिंह, रामदीन अगरिया, रामप्रसाद अगरिया, गोरेलाल कोल, लोकनाथ सिंह, लखन कोल, रमरतिया अगरिया, शंकर, सुधरतिया, हरिप्रसाद, संतोष भरिया, मनोहर कोल, छोटेलाल गोड, लल्लू भरिया, तेजराम भरिया, शत्रुधन सिंह, बुल्ला पाव, भुटरन पाव, श्यामवती सिंह, दद्दू राम पाव, भीमसेन गोड, गणेश, दयाराम, रामचरण, पुरानी पाव, भारत सिंह, रामदास सिंह की राशि को फर्जीवाडा कर प्रभारी प्रबंधक द्वारा घोटाला किया गया है।

सलैया टोला के बैगा हुए ठगी के शिकार

जिले के ग्राम सलैया टोला के लगभग 30 बैगा एवं कोल प्रभारी प्रबंधक के ठगी के शिकार हुए हैं जिसमें लखनकोल, शीतल कोल, बीरन बैगा, जीवन बैगा, रमेश बैगा, निरमल बैगा, अमरशाह गोड, परसत्ता बैगा, भद्दू बैगा, राजबहोर बैगा, राजू बैगा, जोहन बैगा, राजकुमार बैगा, ओमकार बैगा, संजू बैगा, दुर्गावती गोड, कुमरवा बैगा, बैसखिया बैगा, सावन बैगा, शिवचरण, प्रेमचंद, सदन बैगा, सियावती, बोड्डा बैगा, राममिलन, रामकुमार बैगा, रामलाल बैगा, बेसाहूलाल बैगा की राशि इनके खाते में न डालकर फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए राशि हडप ली गई है जो जांच का विषय है।

भाजपा नेताओं के आचरण पर उठे सवाल

यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कोतमा एवं अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के दो जिलास्तरीय भाजपा नेताओं के आचरण पर ग्रामीण उंगलिया उठा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व इसी लैम्प्स प्रबंधक के विरूद्ध ग्रामीणों द्वारा किये गये अनशन को खत्म कराने में किए गये लेन-देन के साथ लाखों के इस घोटाले के पीछे उक्त नेताओं की रिश्वत खोरी की गली-मोहल्ले में खुलकर चर्चा हो रही है।

प्रबंधक द्वारा दी जा रही धमकी

हितग्राहियों ने शिकायत पत्र में लिखा है कि जब हितग्राहियों को जानकारी हुई कि हमारे खाते में उक्त राशि दी गई है तो जब हितग्राही अपनी राशि मांगने गये तो प्रबंधक द्वारा अश£ील शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज देते हुए तरह-तरह की धमकी दी जा रही है।

बीपीएल के हैं सभी हितग्राही

शासन द्वारा मापदण्ड निर्धारित किया गया था कि सभी अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के उन्हीं लोगों के खाते में यह राशि दी जायेगी जिनका नाम गरीबी रेखा से नीचे होगा। सभी हितग्राहियों ने आरोप लगाया है कि प्रभारी प्रबंधक द्वारा कूटरचित कर हमारी गरीबी रेखा की सूची लेकर बिना बताए फर्जी तरीके से खाता खोला गया है हम अपने जानकारी में आज दिनांक तक कभी समिति देवगवां जाकर किसी भी तरह से खाता नहीं खोलवाएं हैं। लेकिन फर्जी पासबुक तैयार कर हमारी राशि की हेरा-फेरी की गई है।

स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं संलिप्त

बहुचर्चित आर्थिक अनियमितता, भ्रष्ट प्रबंधक  तिवारी को स्थानीय जनप्रतिनिधि अपना कमीशन लेकर खुला संरक्षण दे रहे हैं। जानकारों ने बताया है कि उक्त 80 हितग्राहियों का 15 लाख 40 हजार रूपये स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मिलीभगत से घोटाला कर सत्यापन करा लिया गया है जो जांच का विषय है।

स्थानीय प्रशासन से आखिर उठ गया विश्वास

जिले के विधानसभा क्षेत्र मुडधोवा, सलैया टोला के बैगा, भरिया, कोल, गोंड, अगरिया, पाव समाज के लोगों का जो फर्जी खाता खोलकर 14 लाख 40 हजार रूपये का घोटाला किया गया है उसकी शिकायत पीडित हितग्राहियों द्वारा स्थानीय प्रशासन को लगातार किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की कार्यवाही न्यायप्रिय न होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

विभागीय अधिकारियों का मिल रहा संरक्षण

पीडित हितग्राहियों ने जिला प्रशासन एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रभारी प्रबंधक विनोद तिवारी द्वारा विगत 15-20 वर्षो से पात्र हितग्राही, किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ न देकर स्वयं लाभ लिया जा रहा है जिसकी शिकायत विगत 6 माह से कलेक्टर एनएस परमार, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, सहकारिया उपायुक्त के यहां की गई लेकिन जांच को ठण्डे बस्ते में रखकर प्रभारी प्रबंधक को खुला संरक्षण दिया जा रहा है।

कार्यपालिक अधिकारी की भूमिका संदेहास्पद

मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम शहडोल के कार्यपालिक अधिकारी द्वारा जिले के सहकारी समिति देवगवां को 2012-13 में लगभग 14 लाख 40 हजार रूपए का चेक जारी कर 80 हितग्राहियों को 18-18 हजार रूपये खाते में जमा करने का निर्देश जारी किया गया था लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र लेकर आज तक उस राशि का समायोजन नहीं किया गया है जो जांच का विषय है। उल्लेखनीय है कि उक्त प्रभारी प्रबंधक द्वारा विक्रेता एवं तुलावटी कर्मचारी की भर्ती, फर्जी ऋण वितरण, संचालक मण्डल में अपात्र लोगों को पदाधिकारी बनाने जैसा कई मामले प्रकाश में आये थे। अभी उन सभी आरोपो की जांच नहीं हो सकी थी कि पुन: 14 लाख 40 हजार रूपए राशि की ठगी प्रबंधक द्वारा किया गया है। अब इसकी निष्पक्ष जांच कब और किसके द्वारा की जाएगी यह कुछ कहा नहीं जा सकता।

होगी कडी कार्रवाई

मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र मराबी ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे शिकायत मिलने पर सूक्ष्म जांच कराई जायेगी और मामले में कर्मचारी, अधिकारी या नेता जो भी दोषी होगा कडी कार्रवाई
की जाएगी। वहीं संभागायुक्त डीपी अहिरवार ने शिकायत की समुचित जांच कराकर कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है।

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