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एक मेम्बर जेल में है, बाकी सब खैरियत है…!

आरपीएससी ने दी सफाई

भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह न हो अभ्यर्थी, प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध एवं पूर्ण निष्पक्षता से कराने को प्रतिबद्ध है आयोग

न्यूज नजर डॉट कॉम

अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग का एक सदस्य बाबूलाल कटारा पेपर लीक मामले में जेल में बंद है जबकि आयोग की एक अन्य परीक्षा में पास कराने के नाम पर घुमन्तू अर्द्ध धुमन्तू कल्याण बोर्ड का पर्व अध्यक्ष एवं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त गोपाल केसावत लाखों रुपए की घूस लेते पकड़ा जा चुका है। ऐसे माहौल में आरपीएससी की साख खतरे में है। अपनी प्रतिष्ठा और विश्वास कायम रखने के लिए आयोग प्रशासन ने अभ्यर्थियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

 

इसमें कहा गया कि आयोग द्वारा पिछले 2 वर्षों से लगभग 40 विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है। वर्तमान में राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2021 के साक्षात्कार का आयोजन आयोग द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही स्कूल व्याख्याता के 6000 पदों की भर्ती के लिए काउंसलिंग भी लगातार जारी है। शेष परीक्षाओं यथा वरिष्ष्ठ अध्यापक के 9760 पदों की भर्ती भी शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी।

आयोग के संयुक्त सचिव आशुतोष गुप्ता ने बताया कि छात्र हित में उक्त परीक्षा का दुबारा आयोजन किया जाना अपरिहार्य था ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। इस कारण विलंब अवश्य हुआ किंतु नकल माफिया, दलालों, एवं छात्र हितों पर कुठाराघात करने वाले अन्यथा तत्वों के निहित स्वार्थों को पूर्णतः निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से यह अत्यावश्यक था। राज्य एवं केंद्र की विभिन्न जांच एजेंसियो द्वारा प्राप्त इनपुट अनुसार समय रहते इन तत्वों पर अंकुश लगाने का हरसंभव प्रयास जारी है।

श्री गुप्ता ने कहा कि एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं देशभर की समान संवैधानिक संस्थाएं एक सुरक्षित तथा निर्धारित गोपनीय प्रक्रिया के तहत ही कार्य करती हैं। कई बार समाचार माध्यमों से छात्रों/अभ्यर्थियों के मन में यह भ्रामक धारणा बन जाती है कि संभवत सम्पूर्ण परीक्षा प्रणाली दूषित है। इससे उनका विश्वास भी टूटता है। आयोग द्वारा सतत रूप से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित एवं पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जाता है ताकि कतिपय माफियाओं की सर्वार्थसिद्धि पर पूर्ण अंकुश लग सके। साथ ही राज्य सरकार से भी लगातार आयोग की कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाने हेतु संसाधनों की मांग की जाती है। इसमें विभिन्न जांच एजेंसियों से भी अनुरोध किया जाता है कि वे निरंतर अपना फीडबैक आयोग को उपलब्ध कराएं।

अतः समस्त अभ्यर्थियों से अपील है कि वे किसी भी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह नहीं हो। आयोग प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध रूप से एवं पूर्ण निष्पक्षता के साथ कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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