कोलकाता। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली के कुछ पदाधिकारियों के साथ मतभेद खुलकर सामने आ गए जब पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि किस तरह एक वर्ग गलत सूचना फैला रहा है कि ईडन गार्डन की ब्रांडिंग आक्रामक मार्केटिंग के दायरे में आ रही है।
कैब में गांगुली के विरोधी माने जाने वाले कोषाध्यक्ष विश्वरूप डे ने ईडन गार्डन्स की ब्रांडिंग के लिए जारी निविदा प्रकिया पर सवाल उठाए थे जो आक्रामक मार्केटिंग के दायरे में आ सकता है।
गांगुली से जब इस मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘कैब में निविदा की कोई प्रक्रिया नहीं है। निविदा का मतलब है खुली निविदा। लेकिन इस मामले में आक्रामक मार्केटिंग से बचने के लिए यह सीमित निविदा है। मुझे पता है कि नाम अधिकार देने के लिए सेना और बीसीसीआई से स्वीकृति की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ”आक्रामक मार्केटिंग का सवाल ही पैदा नहीं होता। मैंने 20 विज्ञापन किए हैं और मुझे पता है कि आक्रामक मार्केटिंग क्या होती है।’
उन्होंने कहा, ”मैं अपने निजी फायदे के लिए यह नहीं कर रहा। पिछले 15 साल में पहली बार है जब कैब के पास अपने छह करोड़ रुपए हैं।’
गांगुली ने कहा कि 15 फरवरी तक ईडन गार्डन्स में नया इलेक्ट्रानिक स्कोर बोर्ड लग जाएगा।
उन्होंने कहा, ’15 फरवरी तक रिलायंस ढाई करोड़ रुपए की लागत का स्कोर बोर्ड लगाएगा जो खर्चा वे मेरे कहने पर उठा रहे हैं। मैं आपको बता दूं कि इसकी ब्रांडिंग आईसीसी और आईपीएल टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं है। वैसे भी रिलायंस कोई ब्रांडिंग नहीं चाहता।’
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