Breaking News
Home / जयपुर / नागौर फायरिंग और आनंदपाल मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा 

नागौर फायरिंग और आनंदपाल मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा 

anandpal singhrajasthan vidhansabha

विपक्ष का बहिर्गमन
जयपुर। विधानसभा में मंगलवार को नागौर में गेंगस्टर फायरिंग और आनदपाल की गिरफ्तारी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। हंगामे के बीच गृह मंंत्री और प्रतिपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक हुई। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। गृह मंत्री ने घोषणा की कि जब तक आनंदपाल और उसके गिरोह को नेस्तनाबूद न कर दूंगा तब तक चैन की सांस नहीं लूंगा।

विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को जन्मदिन की शुभकामनाओं के विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। इस बीच नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कानून व्यवस्था का मामला उठाना चाहा तो उन्हें प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद मामला उठाने की इजाजत दी गई। प्रश्नकाल समाप्त होते ही नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कल लूणकरनसर से बीकानेर के बीच गैंगवार का जाल बिछा मिला। तीन-तीन बैरिकेटिंग तोड़कर गाड़ी में सवार बदमाशों ने फायरिंग की। एक पुलिसकर्मी की मौत भी हुई। यह गाड़ी वही फॉर्च्यूनर थी जो 27 फऱवरी को मेरे चाचा से कनपटी पर रिवॉल्वर रखकर लुट ली गई थी। एक मिनट बाद ही आईजी को फोन कर दिया और हमें कहा गया कि नाकेबंदी करा दी गई है जबकि दस किमी दूर आगे रोड पर इस गा़ड़ी को देखा। वहीं मैं भी था कोई बैरिकेटिंग नहीं हो रही थी। इसी गाड़ी से अपराधी फऱवरी से लेकर अब तक वारदात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री जीरो हैं। वे ये कहते घूम रहे हैं कि मैं आनंदपाल हूं। आनंदपाल राज्य की सीमा में ही है और उसकी वजह से गैंगवार हो रही है,लेकिन फिर भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। आज कोई सुरक्षित नहीं है। इस पर सरकार वक्तव्य दे।

विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गृह मंत्री फेल हो गए हैं। गृह मंत्री आप हमें चैलेंज कर रहे हैं। अपराधियों को चैलेंज करो। आज आप हमें जोर से बोलकर धमका रहे हो।
विधायक प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि गृह मंत्री जो भी कहते हैं,मन से कहते हैं लेकिन ये आपने भी स्वीकारा है कि पुलिस के पास बेहतर हथियार और गाड़ी नहीं थे। गाड़ियां बढ़िया होती तो कल की गेंगवार के आरोपी पकड़े जाते। पुलिस री-ऑर्गनाइजेशन में जो पैसा मिला वह ढंग से खर्च नहीं किया गया। जो गाड़ियां नई खरीदी जाती हैं वे जयपुर में ही रख ली जाती हैं,जिलों में खटारा गाड़ियां भेजी जाती है। यदि पुलिस के पास अच्छे हथियार और गाड़ी होती तो गैंगस्टर पकड़े जाते।

गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि ऐसा नहीं है कि पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है। 2005 से वांटेड शंकर को गिरफ्तार किया, लेकिन पुलिस को इसके लिए कोई शाबासी नहीं देता। शंकर के नाम 2005 में रींगस में,रानोली में 2006 में,लाड़नूं में 2007 में बीकानेर में 2014 में,गंगाशहर में 2011 में,फिर जयपुर में और अंत में 2016 में सीकर में आपराधिक मामले दर्ज हैं। कल एसओजी को सूचना थी कि एक अपराधी अपराध करने के मंसूबे के साथ जयपुर में घुसा, उसे मानसरोवर,थड़ी मार्केट में दबोच लिया। उसके साथ गोल्डी,हरेन्द्र यादव,रोहित फॉर्च्यूनर में सवार एके 47 और अन्य कारतूस लिए हुए थे। साथियों को पकड़ने के लिए ए श्रेणी की नाकेबंदी की। थानाधिकारी नागौर ने रोका और पीछा किया। साथ ही क्यूआरटी टीम भी रवाना की। पीछा करते समय एक बार ट्रक की लाइट में बदमाश ओझल हो गए, फिर एक जगह बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागे। बदमाशों की ओर से हुई अंधाधुंध फायरिंग में कांस्टेबल खुमाराम के गोली लगी जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। अन्य कांस्टेबल हरेन्द्र का इलाज अस्पताल में जारी है। इस वारदात में वही गाड़ी का होना पाया जाता है जो 27 फरवरी को लुटी गई थी। पूरी जांच करेंगे कि जो कल घटना हुई उसमें कहां कमी दिखती है। पुलिस के पास उतने अच्छे हथियार नहीं थे जितने अच्छे बदमाशों के पास थे। हालांकि 19 राउंड फायर पुलिस ने भी किए और ग्रामीणों के अनुसार बदमाशों में से भी कुछ घायल हुए जिसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। हमने आनंदपाल फरारी के बाद पवन सिंह,सोनू,योगेन्द्र,अनुराग,मदन,जितेन्द्र,धर्माराम,जितेन्द्र सिंह,विक्रम सिंह,वैभव सहित 18 को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस का मनोबल गिराकर आप कुछ अर्जित नहीं कर पाओगे। यदि आप चाहते हो तो पुलिस को कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर भेज दें तो फिर राजस्थान का क्या नक्शा होता है,आप लोग देख सकते हो। गिरोह को पकड़ने के दौरान खुमाराम मर गया,वह भी तो किसी का बेटा था। आप चिल्लाकर दबाना चाहते हो तो मैं आप 21 विधायकों का अकेले 3-4 घंटे तक जवाब दे सकता हूं। आनंदपाल मामले की सरकार ने सही मंशा से दीपक उप्रेती को जांच सौंपी है क्योंकि न्यायिक जांच में हम सभी जानते हैं कि वक्त लगता है और उसका हश्र क्या होता है। 31 मार्च को उसकी रिपोर्ट आ जाएगी तब क्या लेप्सेस है,उसे देखेंगे। मैं इतना कमजोर नहीं कि आपकी आवाज से डरकर बैठ जाऊंगा। फरारी में हमारा ही कोई न कोई भाई काम करता है। उसका मन कमजोर हो जाता है। चालानी गार्ड में हर बार कुछ लोग जाते थे। आनंदपाल मामले में अधिकतर को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो-तीन को पकड़ा नहीं जा सका है। खुद शंकर 8 साल बाद हाथ लगा। आनंदपाल भी कितना भागेगा। मैं कहता हूं कि जब तक आनंदपाल और उसकी गैंग को नेस्तनाबूद नहीं कर दूंगा तब तक चैन से नहीं बैठूंगा। यह बात सही है कि पुलिस के पास इतने हथियार और साधन नहीं है,लेकिन हम प्रयत्न करेंगे कि अच्छे से अच्छा करेंगे।

अंत में जब हंगामा बढ़ा तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। इस पर कांग्रेस विधायक सदन से कुछ देर के लिए बहिर्गमन कर गए। इसकी मेघवाल ने यह कहकर निंदा की कि जब नेता प्रतिपक्ष के कहने पर अलग से ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करा ली तब भी विपक्ष का यह रवैया निंदनीय है। आप लोग वॉकआउट का मन बनाकर आए हो।

Check Also

पेट्रोल में एथोनॉल की मात्रा बढ़ाई, फिर भी रेट में कमी क्यों नहीं ?

-अब 14 प्रतिशत एथोनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल की बिक्री शुरू – रेट में कोई कटौती नहीं, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *